Saturday, May 7, 2011

पहली मुलाकात

याद है मुझको हमारी, पहली मुलाकात  वो,
अजनबी सी थी हमारे, बीच की हर बात वो।

न गुफतगू, न आरजू के, लम्हों ने शुरुआत की,
बस दबी सी मुस्कुराहट में, नजर को मात दी।
वक्त चलते थम गये थे, उठ रहे जजबात वो,
अजनबी सी थी हमारे, बीच की हर बात वो।

यूँ लगा परछाई बनकर, साथ वो चलने लगी,
मेरे नगमों में सुरों के, साथ वो ढलने लगी।
सिलसिले फिर दे गएं हों, वक्त को भी मात वो,
अजनबी  सी थी हमारे, बीच की हर बात वो।

कोई कैसे, कब 'अनीस' क्यों करे इन्तज़ार भी,
तकरार में इन्कार भी है, दिल से यूँ इजहार भी।
खुशनसीबी हुई मुबारक, चाँदनी की रात वो,
अजनबी सी थी हमारे, बीच की हर बात वो।

No comments:

Post a Comment

Hindi Typing Widget