Tuesday, April 19, 2011

फिर तेरा हसीं ख्याल आया

आज फिर दिल ने कोई नगमा सुनाया,
आज फिर तेरा हसीं ख्याल आया।

मन की पवन बन तेरी वफा ने,
भर डाले रंग सब मेरी खिज़ा में,
बहारों ने मेरा गुलशन सजाया,
आज फिर तेरा हसीं ख्याल आया।

उठे हाथ मेरे न कभी दुआ से,
मांगूं भी क्या और अब मैं खुदा से,
पा कर तुझे मैंने सब कुछ है पाया,
आज फिर तेरा हसीं ख्याल आया।

तमन्ना का मेरी सितारा है तू,
जीने का मेरे सहारा है तू,
जिन्दगी को तूने ही जन्नत बनाया,
आज फिर तेरा हसीं ख्याल आया।

मुलाकात ‘अनीस’ बन कर सवेरा,
मेरे ख्यालों में  करती बसेरा,
शाम के पहलू को तूने सजाया,
आज फिर तेरा हसीं ख्याल आया।

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